गुलाब की 5 गलत फैमियां
आपका एक गलतफहमी आपका बहुत सारा पैसा वक्त और मेहनत बर्बाद कर सकती हैं गुलाब के बारे में पांच गलतफैमियो का परदाफास मै इस पोस्ट में करूँगा।
पुराने जमाने में गार्डेनिंग का ज्ञान लेने के लिए कोई अच्छे लेखक की बूक पढ़नी पड़ती थी या फिर कोई क्लॉस को जाना पड़ता था लेकिन इन्टरनेट के ज़माने में यह चीज़ बहुत आसान हो गई हैं।
लेकिन इसकी एक दूसरे साईड इफेक्ट भी है जहां पर बहुत सारी गलतफैमिया फ़ैलाई जाती है।
1)पहली गलतफहमी है रोज़ बूके में आए हुए गुलाब की कटींग को आलू में लगाना, इस तकनीक से बहुत बढ़िया आलू आप उगा सकते है लेकिन रोज़ कटिंग कर पौधा लगाना लगभग नामुमकिन है।
एक बात आप समझ लीजिए हाईब्रिड गुलाब की नेचुरल जो जड़े होती है वो बहुत मजबूत नहीं होती इसलिए पौधा बनाने के लिए बडिंग करने की ज़रूरत पड़ती है इस तरीके से शायद मिनिएचर और फ्लोरिबंडा के गुलाब तैयार किए जा सकते हैं लेकिन इसके लिए आलू लेने की बिल्कुल भी ज़रूरत नहीं है। आप मिनियेचर या फिर फ्लोरिबंडा का कटिंग ले लीजिए और उसे रूट हॉर्मोन में डुबाकर कटींग लगा दीजिए आपका पौधा बन जाएगा पर एक बात याद रखिए उन जड़ पर आए हुए
पौधों की रूट सिस्टम बहुत मजबूत नहीं होती इसलिए उन पर फ़ूल कम लगेंगे इसी बहाने में एक और चीज़ आपको शेयर करना चाहूँग जो बहुत पुरानी वैराइटी होती है जिसे ओल्ड वैराइटी माना जाता है उन्हें आप कटींग से ज़रूर लगा सकते हैं। जैसे उन्नीस सौ पचास पहले की जो वैराइटी थी। उन्हे कटींग से ज़रूर लगाई जा सकती है। इसका एक बहुत बेहतरीन उदाहारण होगा देशी गुलाब जिसे हम एडवर्ड या बसरा भी कहते हैं।
2) दूसरी गलतफहमी है गुलाब के पौधे को राईस हसक(चावल का छिलका) में लगाना दोस्तों चालीस साल पहले यह जानकारी बहुत ही नई थी क्योंकि किसी ने भी मिट्टि में छोड़कर गुलाब किसी और मीडिया में लगाया हि नहीं था। राईस हसक का मीडिया बहुत ज़्यादा अट्रैक्टिव दिखता है। रोज़ ग्रोवर को लगता है कि इसमें हम कुछ नई बात कर रहे हैं और इसमें पानी भी कम लगता है ऐसा माना जाता है। लेकिन राईस हसक में गुलाब लगाने पर फंगस यानी कि पाउडरी मिल्ड्यू और ब्लैक स्पॉट का कोहराम मचता है। यह एक बात हो गई ।
दूसरी बात यह है कि राईस को खुद को भी फंगस लगता है।
तीसरी बात यह है कि कुछ धान के बीज राईस हसक में रह जाते हैं तो ओ उगने लगते हैं इनका भी मैनेजमेंट करना एक अलग काम हो जाता है।
लगभग तीस साल पहले रोज़ एक्सपर्ट को यह बात समझ में आ गई और जितनी तेज़ी थे यह ट्रेंड चला उतनी तेजी से यह नीचे भी आ गया आज जो लोग आपको यह ज्ञान दे रहे हैं कि राईस हसक में लगाइए यह बात लगभग तीस साल पुराना है जो आज एप्लाई नहीं करता ।
मैं आपको अनुरोध करूंगा कि इस जानकारी को छोड़ दीजिए और अपने गुलाब एक तो मिट्टि में लगाइये या फिर कोकोपीट में लगाइये या फिर खंगर में लगाइए।
3)तीसरी गलत यह है कि सिर्फ देसी गुलाब में ही सुंगंध होती है। दोस्तों हमारे देश में देसी गुलाब इतना ज़्यादा फ़ेमस हो गया है कि लोगों को लगता है सिर्फ और सिर्फ देसी गुलाब में ही सुगंध होती है। एक बात आप जान लीजिए गुलाब के ऊपर पूरी दुनिया में बहुत बड़े पैमाने पर रिसर्च किया गया है। उस रिसर्च में से बहुत सारी नई नई वैराइटी आ गई है यह वैराइटी ना सिर्फ बहुत ज़्यादा सुगंधित है वह दिखने में भी बहुत सुंदर दिखती है।
उदहारण/ परफ़्यूम डिलाइट, जाडिस, दा मकाटनी रोझ, डबल डिलाइट, जैसी बहुत सारी वैराइटी है जिनमें बहुत बढ़िया सुगंध होता है।
कुछ लोग ऐसा भी समझते हैं कि जिस वैराइटी को सुगंध अच्छा होता है वह देसी वैराइटी की होती है तो यह बात अभी पूरी की पूरी गलत है।
4)चौथी गलतफैमि है पांच पत्तियां और सात पत्तियां बहुत लोगो का यह मानना है कि अगर गुलाब के उपर पाँच पत्ती आता है तो उसे रखना चाहिए वही सात पत्तियो को निकाल देना चाहिए। लेकिन हमेशा यह बात सही नहीं होती जहां से बडिंग किया गया है वहां से भी अगर ग्रोथ बहुत बढ़िया हो अच्छे से खाद दिया जाए और सभी तरीके से देखरेख की जाए तो ऐसा स्टेम आता है कि जिसके ऊपर सात पत्ती हो सकती है। आइफेल टावर नाम की एक बहुत ही बढ़िया और सुगंधित आईडी का मैं उदहारण आपको देता हु।
मैंने खुद ही ये वैराइटी उगाई है बहुत अच्छी वैराइटी है इस वैराइटी में बर्ड यूनियन से जब एक बढ़िया ग्रोथ आती है तो बहुत ज़्यादा चान्स होते हैं कि उन्हें सात पत्तियां आए तो एक नया रोज़ ग्रोवर है ओ बहुत ज़्यादा कंफ्यूज़ हो जाएगा कि अब क्या करें ऐसे वक्त में आपको पांच पत्ती और सात पत्ती इस पर ध्यान बिल्कुल भी नहीं देना है आप ध्यान से गुलाब के पौधे को देखिए और बर्ड यूनियन के नीचे देखिये जहाँ पर जड़ से या स्टेम से कुछ अलग तरह का ग्रोथ आप को नज़र आता है तो उसे निकाल देना चाहिए। जंगली गुलाब के पत्ते और काटे बिल्कुल अलग दिखते हैं। गुलाब की वैराइटी से अगर उसे कम्पेयर किया जाए तो आप आसानी से उसे समझ पाएंगे हाथ से मरोड़ कर आप उसे निकाल लीजिए।.
5)पांचवी गलतफैमि है इंग्लिश गुलाब और देसी गुलाब मैं आपको एक चीज़ बता दूं। जो देसी गुलाब है जिसेए डवर्ड या मसरा भी कहा जाता है उसे छोड़ पूरी दुनिया में जीतने कोई भी गुलाब है जो कोई भी वैराइटी हैं उन्हें इंग्लिश गुलाब कहा जाता है यह बिल्कुल भी सही नहीं है। जो हम नई नई वैराइटी जिन्हें मॉर्डन रोज कहा जाता है वह शायद USA में भी बनी हुई हो सकती है france में भी हो सकती है germany में भी बनी सकती है साथ ही india में तो बहुत सारे रोज हाईब्रिडाइजर है ही गुलाब का वर्गीकरण करते वक्त आप चाहे तो हाईब्रिड टी, मिनियेचर, फ्लोरीबंडा ऐसा वर्गीकरण कर सकते है। मॉर्डन गुलाब और ओल्ड गुलाब ऐसा भी उनका वर्गीकरण किया जा सकता है। गार्डन रोज और एजिबिसन रोज ऐसा भी वर्गीकरण किया जा सकता है।
लेकिन देसी गुलाब और इंग्लिश गुलाब ऐसा वर्गीकरण करने का कोई भी मतलब नहीं पड़ता।
धनयवाद।
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