गुलाब के जड़ की जानकारी
आइए आज हम गुलाब की जड़ों के बारे में बात करते है।
दोस्तो जिस तरह से कोई बिल्डिंग बनाते समय उसका नीव बड़ा मजबूत होना चाहिए। उसी तरह से गुलाब लगाते वक्त उसके जड़े बड़े मजबूत होने चाहिए। गुलाब पौधे पर आपको बड़े बड़े और सुंदर सुंदर फ़ूल लेने हैं तो आप गुलाब के जड़ों के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए।
गुलाब का पौधा बनाने की एक बेहतरीन तकनीक है। जिसे कहा जाता है। बडिंग या कलम विधि। बडिंग की तकनीक में एक जंगली गुलाब के पौधे के ऊपर एक अच्छी वैरैटी के गुलाब का आंख या बड लगा दिया जाता है। इस तकनीक का फायदा यह है। कि जड़ एक जंगली गुलाब का होता है। और जहां पर फ़ूल लगते हैं। वह पौधा एक अलग वैरैटी का होता है।
हमारा यह पूरा पोस्ट उस जंगली गुलाब के जड़ (root) के बारे में है। आपके दिल में यह सवाल आ सकता है कि जंगली गुलाब जड़ के बारे में जानकारी क्यों जरूरी है। नर्सरी में गुलाब खरीदते वक्त, गुलाब की मिट्टी बनाते वक्त और गुलाब में बडिंग करते वक्त आपको गुलाब की जड़ो के बारे में पूरी जानकारी होना बहुत ज़रूरी है। इस जंगली जड़ो को अच्छी भाषा में रूट स्टॉक (root stock) कहा जाता है।
पूरी दुनिया में बहुत सारे रूट स्टॉक (जड़ो) का यूज किए जाता हैं। लेकिन हमारे देश में जो नर्सरी है वह बड़े पैमाने पर दो root stocks का उपयोग करते है। उसमें पहले रूट स्टॉक है। रोझा इंडिका। दूसरा है रोझा मल्टीफ्लोरा।
रोझा इंडिका और रोझा मल्टीफ्लोरा इन दोनों में बहुत सारी समानताएं भी हैं। और बहुत सारे अंतर भी है ।इन दोनों के अंतर जानने के बाद आपको इसे समझने में आसानी होगी।
1)रोझा इंडिका के पौधे में काटे नहीं होते और रोजा मल्टीफ्लोरा के पौधे में काटे होते हैं।
2) रोझा इंडिका के पत्तियों का कलर पारेट ग्रीन होता है और रोझा मल्टीफ्लोरा के पत्तियों का कलर बाटल ग्रीन होता है।
3)रोझा इंडिका का ओरिजीन इंडिया में हिमालय की पहाड़ियों में माना जाता है और रोझा मल्टीफ्लोरा का ओरिजीन जापान में माना जाता है।
4) रोझा इंडिका के पौधे को ज़मीन में लगाया जाए तो कम पानी में अच्छे से चल जायेंगे लेकिन रोझा मल्टीफ्लोरा को जहा पर पानी अच्छे से है वही पे ही लगाना चाहिए।
5) रोझा इंडिका की जड़े काफी तेजी से फैलते है।अगर इसे गमले में लगाया गया तो जड़े बहुत जल्दी गमले में बंध जाते है। और एक से डेढ़ साल में ही reporting करने की ज़रूरत पड़ती है। रोझा मल्टीफ्लोरा की जड़ो की गति धीमी बढ़ती है इसलिए अगर इसे गमले में लगाया जाए तो root bound जल्दी नही होता और ढाई से तीन सालों के बाद reporting करने की ज़रूरत पड़ती है।
6) रोझा इंडिका के पौधे को सिर्फ और सिर्फ मिट्टी में ही आप लगा सकते हैं या ऐसे मीडिया जिसमे मिट्टी ज्यादा हो। रोझा मल्टीफ्लोरा के पौधे आप चाहें तो soil based मिडिया में भी लगा सकते हैं। या पूरे के पूरे कोकोपीठ में भी लगा सकते हैं। उसके साथ साथ खंगर या सिंडर में भी लगा सकते हैं। इस खासियत की वजह से बड़ी बड़ी जो नर्सरी है जो variety से गुलाब के पौधे को बेचती है। हमेशा ही रोझा मल्टीफ्लोरा root stock का इस्तेमाल करती।
है बड़े बड़े रोज़ ग्रोवर हमेशा रोझा मल्टीफ्लोरा के रूट स्टॉक में ग्रॉफ्ट किए हुए पौधे ही लगाते है। इसलिए आप को भी अपना बगीचा हेल्दी रखने के लिए रोझा मल्टीफ्लोरा के रूट स्टॉक में ग्राफ्ट किए हुए पौधे ही लगाना चाहिए।
ऐसा करने से आपकी मेहनत बचेगी वक्त बचेगा और सबसे important आपको गुलाब लगाने में खुशी मिलेगी ।
थैंक यू।।
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