गुलाब के 2 खतरनाक बीमारी
(ब्लैक स्पॉट और पाउडरी मिलडायू )
हैलो दोस्तों मेरा नाम है हितेश कुमार आज की पोस्ट में हम गुलाब को होने वाली दो खतरनाक फंगल बीमारियां और उनके उपायों के बारे में चर्चा करेंगे।।
ब्लैक स्पॉट और पाउडरी मिलडायू यह दो गुलाब में होने वाली बहुत ही खतरनाक फंगल बीमारी है। यह दोनों बीमारियां गुलाब को एक झटके में तो नहीं मारती लेकिन यह अटैक करती है। गुलाब के पत्तियों के ऊपर गुलाब के पत्तियों के ऊपर अटैक होने की वजह से फोटोसिंथेसिस की प्रक्रिया में रुकावट आ जाती है। पत्तियां अपने आप गिरने लगती है और गुलाब का पौधा अंदर से कमजोर हो जाता है।
इस फंगस से बचने के उपाय जाने से पहले इन दोनों का कंपैरिजन करके इन्हें पहचाना कैसे जाता है। यह हम सीखते हैं।
ब्लैक स्पॉट और पाउडरी मिलडायू में अंतर
1)ब्लैक स्पॉट के प्रभाव में आने वाली पत्तियों के ऊपर काले काले धब्बे दिखते हैं।
पाउडरी मिलडायू के प्रभाव में आने वाली पत्तियों के ऊपर एक टेलकम पाउडर जैसे सफेद परत दिखती है।
2)गुलाब के गार्डन में ब्लैक स्पॉट पहली बरसात के बाद दिखता है ।
पाउडरी मिलडायू अक्टूबर हिट के बाद ठंड के दिनों में आप के गुलाब के गार्डन में दिखता है।
3)हमारे देश के कोस्टल रीजन यानी मुंबई, चेन्नई कोलकाता, यहां पर हिट और ह्यूमिडीटी ज्यादा होने के कारण ब्लैक स्पोट का डोमिनस दिखता है।
हमारे देश के सेंट्रल रीजन यानी जबलपुर लखनऊ पुणे बेंगलुरु यहां पर ठंड ज्यादा होने के कारण पाउडरी मिलडायू का डोमिनस दिखता है।
4)इनका मतलब यह नहीं कि सेंट्रल इंडिया में ब्लैक स्पॉट का प्रादुर्भाव नहीं होता और पोस्टर इंडिया में पाउडरी मिलडायू का हमला नहीं होता।
अब इन दोनों से बचने के मैं आपको 4 तरीके बताता हूं।
1) 2 ग्राम सॉफ्ट डिटर्जेंट जैसे की निरमा और 1 लीटर पानी इन दोनों को अच्छे से मिक्स कर लीजिए। अब इसका पतियों के ऊपर स्प्रे कर लीजिए। कोई भी फफूंद एक पर्टिकुलर पीएच में ही जिंदा रह पाती है। जब हम निरमा का या फिर कोई भी सॉफ्ट डिटर्जेंट ले रहे हैं तो उसका पीएच बदल जाता है। इससे अपने आप फफूंद मर जाती है। इसका स्प्रे लेते वक्त आप एक बार जरूर ध्यान में रखिए की स्प्रे जड़ों को बिल्कुल भी नहीं लगना चाहिए।
2) 5ml इफेक्टिव माइक्रो ऑर्गेनिक जमस सॉल्यूशन और 1 लीटर पानी आप अच्छे से मिक्स कर लीजिए। इसे ई एम सॉल्यूशन भी कहा जाता है और इसका आपत्तियों के ऊपर स्प्रे कर लीजिए। सॉल्यूशन में बहुत सारे पॉजिटिव माइक्रो ऑर्गेनिजमस होते हैं। पॉजिटिव माइक्रो ऑर्गेनिजमस कोई भी फंगस को मार देते हैं।
अगर आप को आर्गेनिक तरीके से फंगस का खात्मा करना है तो यह बहुत ही बढ़िया ऑप्शन है।
इस सॉल्यूशनका आप ड्रेंचिंग भी कर सकते है। का मतलब पौधो की जड़ों में भी दे सकते हैं। इससे दोनों तरफ से यानी की पत्तियों की तरफ से भी और जड़ों की तरफ से भी फंगस का खात्मा हो जाता है।
3) एक ग्राम बाबिस्टीन या फिर m45 और 1 लीटर पानी अच्छे से मिक्स कर दीजिए। इस मिक्चर को आप ड्रिंचिंग या स्प्रे भी कर सकते हैं। एक होशियार गार्डनर बारिश की शुरुआत होने से पहले और अक्टूबर हीट खत्म होने के बाद इसका स्प्रे और ड्रेंचिग कर लेता है। ऐसा करने से अगले तीन-चार महीने में लगने वाली मेहनत कम हो जाती है।
अगर मेरे बताए हुए पहले दूसरे और तीसरे तरीकों के बाद भी आप के बगीचे में फंगस ने कोहराम मचाया हुआ है तो यह चौथा तरीका उसका रामबाण उपाय है।
4) आधा एम एल ( score fungicide) स्कोर फंगीसाइड + 1 लीटर पानी अच्छे से मिक्स कर दीजिए और उसका स्प्रे या फिर ड्रेंचिंग दोनों कर दीजिए। सिंजेंटा कंपनी का यह बहुत ही अच्छा प्रोडक्ट है। इससे कोई भी फंगस नहीं बचता।
नोट
मैं आपको एक एडवांस टिप देता हूं जब आप के बगीचे के ऊपर फंगस का अटैक होगा तब पत्तियां तो गिरेंगी तो उस पत्तियां आप बाहर फेंक दे या फिर जला दे।
इन पत्तियों का उपयोग कंपोस्ट में या फिर मल्चिंग के तौर पर बिल्कुल नहीं होना चाहिए। ऐसा करने से फंगस फिर से हमला करने की संभावना रहती है।
उम्मीद करते है आप को यह जानकारी अच्छा लगा होगा इसी तरह की जानकारी पाने के लिए हमसे जुड़े रहे।
।।धन्यवाद।।

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