बीज(seeds) से गुलाब उगाना कितना सही है।
ऑनलाइन बहुत सारी ई-कॉमर्स वेबसाइट पर गुलाब के सीड्स मिलते हैं जैसे कि रेनबो रोज, ग्रीन रोज,क्लाइंबिंग रोज, ब्लैक रोज, नेवी ब्लू रोज। क्या इन ऑनलाइन सीड को घर में लगाकर उगाना मुमकिन है। बहुत सारे लोगों को यह चीज पता ही नहीं होती कि गुलाब को भी सीड से उगाए जाते हैं।
गुलाब में सीड्स आने की वजह होती है। पॉलिनेशन जब कभी गुलाब के ऊपर फूल लगते हैं, उन्हें पॉलिनेट किया जाता है। पॉलिनेशन करने के दो मुख्य तरीके हैं। एक होता है नेचुरल पॉलिनेशन और दूसरा है। हैण्ड पॉलिनेशन ।
नेचुरल पॉलिनेशन की प्रोसेस में थोड़ी डिटेल में आपको बताता हूं। गुलाब के पौधे पर फूल लगने के बाद उस पर मधुमक्खियां बैठती है। बहुत बड़े पैमाने पर मधुमक्खियां गुलाब के पौधे को नेचुरल पॉलिनेट करती हैं। गुलाब के फूल के अंदर मेल और फीमेल दोनों पार्ट होते हैं। मेल पार्ट को कहा जाता है। येंथर। येंथर के अंदर बहुत सारे कोलन टैक्स होते हैं। यह कोलन टैक्स जो फीमेल पार्ट्स स्टेग्मा के ऊपर गिर जाते है। तो गुलाब पर फल लगता है।
गुलाब के फल को हैब्स भी कहा जाता है। गुलाब के फूल अच्छे से पक जाता है। तो उसी के ऊपर ही कट करके उसके अंदर से सीड्स निकाला जाता है।
सीट के बारे में मैं आपको तीन फैक्ट्स बताता हूं।
1)इसमें से पहला फैक्ट्स यह हैं। कि इन सीड्स को उगाना बड़ा मुश्किल काम है। अगर आप ने 100 सीड्स लगा तो लिए तो उसमें से 2 सीट भी अगर उग जाए तो यह बहुत ही अच्छा जार्मिनेशन रेट माना जायेगा।
जो लोग प्रोफेशनल गुलाब के नई नई वारैटी तैयार करने का काम करते हैं। उनको भी सीड्स जर्मिनेशन का काम बड़ा मुश्किल लगता है। इसका सक्सेस रेट बहुत ही कम रहता है।
ऑनलाइन गुलाब की सीट बेचने वाले लोग आपको एक बार में ज्यादा से ज्यादा 20 से 25 सीड्स देते हैं तो आप ही हिसाब लगा दीजिए कि आपका सक्सेस रेट कितना होगा।
2)दूसरा फैक्ट यह है कि इन सीड्स के पैकेट के ऊपर कोई भी जेनेटिक प्योरिटी की कोई गारेंटी नही है। इसका मतलब यह है कि आपके लाये हुए गुलाब के सीड्स अगर जर्मिनेट हों गए और उसमे फूल भी लग जाए तो इसकी कोई गारंटी नहीं देता। की जो सीड्स के ऊपर रोज का कलर था। वही कलर का गुलाब आपके बगीचे में भी आएगा। ऐसा भी हो सकता है कि आपने लाल रंग के गुलाब के पेड़ आपके बगीचे में लगाएं और उन्हें पीले रंग के फूल आ गए।
3)तीसरा फैक्ट्स सीड्स के पैकेट के ऊपर जो सारी आपको इमेजेस दिखाई जाती हैं, वह सारी की सारी फेक होती है। फोटोशॉप की मदद से उन्हें बनाया जाता है। ऐसे कलर के गुलाब सच में इस दुनिया में होते तो आप की लोकल नर्सरी में भी ऐसे गुलाब बहुत ही आसानी से आपको मिल जाते। मेरा आपको यही सुझाव रहेगा कि आप ग्राफ्टिंग (हाईब्रिड) किए हुए गुलाब के पौधे ही आप के बगीचे में लगाएं। गुलाब के सीड्स मंगाने के झंझट में बिल्कुल ना पड़े। आपका कीमती वक्त और पैसा इस आनलाईन वेबसाईट के उपर बिल्कुल भी जाया न करें।
थैंक यू।।
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